श्रावण मास में बारह ज्योतिर्लिंगों की पूजा व्यवस्था 

श्रावण मास में बारह ज्योतिर्लिंगों की पूजा व्यवस्था 

भोपाल [ महामीडिया]  श्रावण के महीने में बारह ज्योतिर्लिंग में दर्शन-पूजन की व्यवस्था में बदलाव किया गया है। छह ज्योतिर्लिंग में ड्रेस कोड लागू है, जबकि छह में गर्भगृह में प्रवेश पर पूरी तरह से पाबंदी है। काशी विश्वनाथ में केवल मंगला आरती में श्रद्धालुओं को शामिल किया जा रहा है, जहां वे बैठ सकते हैं। उज्जैन में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए महाकाल के बाहर से ही दर्शन होते हैं। हम देश के बारह ज्योतिर्लिंगों की दर्शन-पूजन व्यवस्था के संबंध जानकारी  दे रहे है -
महाकालेश्वर (उज्जैन)-
गर्भगृह में प्रवेश बंद है। तड़के 2:30 बजे मंदिर के पट खुलने के बाद हरिओम जल चढ़ाया जाता है। उसके बाद भस्मआरती होती है। इसके लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन दो तरह से बुकिंग की जा सकती है। ऑफलाइन भस्मआरती नि:शुल्क है।
ओंकारेश्वर (खंडवा)-
सामान्य कपड़ों में प्रवेश कर सकते हैं। सुबह 4:30 से 5 बजे मंगला आरती व नैवेद्य भोग लगता है। सुबह 5 से रात 9:30 बजे तक दर्शन होंगे। नैवेद्य भोग, मध्याह्न शृंगार, सोमवार सवारी भेंट, अन्नक्षेत्र, महामृत्युंजय जाप के लिए बुकिंग जरूरी है।
केदारनाथ (रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड)-
मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति है, लेकिन शिवलिंग को स्पर्श करना या जल चढ़ाना मना है। मंदिर सुबह 6 से 3 बजे तक खुलता है। फिर शाम 5 बजे पट फिर से खोले जाते हैं। रात 8:30 बजे मंदिर बंद कर दिया जाता है।
सोमनाथ (सौराष्ट्र, गुजरात)-
गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं। सामने के कॉरिडोर से दर्शन होते हैं। समय : सुबह 6 से रात 10 बजे। आरती- सुबह 7, दोपहर 12, शाम 7, लाइट एंड साउंड शो रात 8-9 बजे (मानसून व वर्षाकाल छोड़कर)। प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं।
भीमाशंकर (पुणे, महाराष्ट्र)-
गर्भगृह में प्रवेश है, लेकिन महिलाओं को साड़ी और पुरुषों को एक वस्त्र धोती पहनना जरूरी है। इसके बिना दर्शन की अनुमति नहीं है। भीड़ होने पर गर्भगृह में प्रवेश बंद रहता है। पर्यटकों के लिए मंदिर सुबह 5 से रात्रि 9:30 बजे तक खुला रहता है।
काशी विश्वनाथ (बनारस, यूपी)-
गर्भगृह में प्रवेश है, लेकिन आरती के समय प्रवेश बंद रहता है। मंगला आरती के लिए ऑनलाइन बुकिंग जरूरी है।पांच आरती, मंगला - तड़के 3-4 बजे, भोग - दोपहर 12 बजे, संध्या - शाम 7 बजे, शृंगार - रात 9:30 बजे, शयन - 10:30 बजे की जाती है।
मल्लिकार्जुन (आंध्र प्रदेश)-
सामान्य दर्शन के लिए ड्रेस कोड नहीं। सुबह 5:30 से 1 बजे और शाम को 6 से 10 बजे तक खुला रहता है।
वैद्यनाथ (झारखंड, देवघर)-
तड़के 4 से 3:30 बजे तक दर्शन का क्रम। इसके बाद शाम 6:30 से 9 बजे तक दर्शन होते हैं।
नागेश्वर (द्वारकापुरी, गुजरात)-
आम लोगों के लिए मंदिर सुबह 6 बजे खुलता है। रात 9 बजे मंदिर बंद हो जाता है।
रामेश्वरम् (तमिलनाडु)-
पूजा/दर्शन समय सुबह : 5 बजे फिर दोपहर 1 बजे, दोपहर 3 और रात में 9 बजे।
घृष्णेश्वर (संभाजीनगर, महाराष्ट्र)-
मंदिर सुबह 5:30 से रात 9:30 बजे तक खुला रहता है। श्रावण में सुबह 3 से रात 11 बजे तक खुलता है।

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