
नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय विधि नियम सम्मेलन संपन्न
भोपाल [ महा मीडिया] इंडिया हैबिटेट सेंटर में द्वितीय नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय विधि नियम सम्मेलन 2025 का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 33 से अधिक न्यायक्षेत्रों के न्यायविदों, विद्वानों और बार के नेताओं ने विधि, न्याय और शासन से संबंधित समकालीन मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। सम्मेलन का विषय था "वैश्विक आर्थिक शासन और विधि नियम के सिद्धांत"। उद्घाटन सत्र में जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में भाषण दिया। उन्होंने विधि के शासन की एक केंद्रीय विशेषता के रूप में उचित प्रक्रिया के महत्व पर बात की और कहा कि गंभीर अपराधों से जुड़े मामलों में भी इसका पालन किए बिना जीवन और स्वतंत्रता नहीं छीनी जा सकती। उन्होंने मुंबई आतंकवादी मुकदमे का उल्लेख सबसे कठिन परिस्थितियों में भी उचित प्रक्रिया के पालन के एक उदाहरण के रूप में किया। मुख्य अतिथि, जस्टिस जे.के. माहेश्वरी ने भारतीय न्यायशास्त्र में विधि के शासन के विकास पर बात की। उन्होंने आपातकाल के दौरान एडीएम जबलपुर के फैसले की तुलना बाद में पुट्टस्वामी फैसले में दिए गए फैसले से की और आपातकाल के दौरान कुछ उच्च न्यायालयों के फैसलों का भी हवाला दिया जिनमें कहा गया था कि मौलिक अधिकारों को निलंबित नहीं किया जा सकता। उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस वी. रामसुब्रमण्यन, बॉम्बे हाईकोर्ट के जज जस्टिस मनीष पिटाले और गुजरात हाईकोर्ट के जज जस्टिस अनिरुद्ध पी. माई भी उपस्थित थे।