पूजा में रंगोली बनाने की परंपरा

पूजा में रंगोली बनाने की परंपरा

भोपाल [महामीडिया] दिवाली रोशनी का त्योहार है। इस दिन हर घर दीयों से जगमगाता है लेकिन असली रौनक तो दरवाजे पर सुंदर रंगोली से आती है।हमारे देश में हर धार्मिक-सांस्कृतिक मौके पर रंगोली बनाने की परंपरा है। हालांकि रंगोली सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि क्रिएटिव एक्सप्रेशन भी है। घर की चौखट पर रंगोली की सुंदर डिजाइन हर किसी का ध्यान खींचती है। घर आए लोग तारीफ करेंगे तो इससे आपको भी सकारात्मक ऊर्जा महसूस होगी।रंगोली बेहद शुभ मानी जाती है। किसी त्योहार या पूजा में सालों से रंगोली बनाने की परंपरा है। इसलिए सबसे पहले पारंपरिक तरीके से बनी रंगोली देखिए। ये सुंदर फूल जैसी आकृति सबका ध्यान खींचेगी।रंगोली बनाने की परंपरा रामायण काल से चली आ रही है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम जब माता सीता के साथ वनवास से लौटे थे, तब अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत में रंगोली बनाई थी। इस आधार पर रंगोली की परंपरा को रामायण काल से जोड़ा जाता है। रंगोली बनाने से आशय है कि घर में सुख और समृद्धि का आगमन है। 

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