फोलेट और कैल्शियम के गुण से भरपूर लाल भाजी 

फोलेट और कैल्शियम के गुण से भरपूर लाल भाजी 

भोपाल [ महामीडिया]  लाल भाजी की गिनती हरी सब्जियों में ही होती है, पर इसकी रंगत के चलते इसे लाल भाजी कहा जाता है. जो कुछ कुछ पालक जैसी दिखती है. इन दोनों के स्वाद और खूबियों में जमीन आसमान का अंतर है.दरअसल चौलाई लाल और हरे रंग दोनों में आती है. आमतौर पर हरे रंग वाली भाजी को चौलाई के नाम से जाना जाता है. जबकि लाल चौलाई, लाल भाजी या लाल साग के नाम से ही प्रचलित है. सर्दियों में मिलने वाली चौलई ही लाल भाजी कहलाती है. इसे कुछ स्थानों पर तंदुलीय, अमरंथ भी कहा जाता है. पालक से मिलती जुलती होने की वजह से इसे रेड स्पिनेच भी कहते हैं. वैज्ञानिक नाम एमरेंथ डबियस है.सर्दियों में मिलने वाली हर भाजी कुछ न कुछ खूबी समेटे हुए है. उनसे तुलना करें तो लाल भाजी में खूबियों की खान नजर आएगी. ये विटामिन ए, सी, के जैसे विटामिन से भरपूर है लाल भाजी. साथ में फोलेट, राइबोफ्लेविन और कैल्शियम के गुण भी इसमें मौजूद हैं.लाल भाजी पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है. इसकी डंठल खाने की सलाह भी दी जाती है. जिसमें फाइबर्स अच्छी मात्रा में होते हैं. ये फाइबर्स डाइजेशन को बेहतर बनाते हैं.लाल भाजी में आयरन की मात्रा भी अच्छी होती है. जिससे ये खून की कमी की शिकायत को दूर करती है.आंखों की रोशनी और सेहत के लिए भी लाल भाजी फायदेमंद है. वजह है इसमें मौजूद विटामिन ए और सी.लाल भाजी खून में इंसुलिन लेवल को कंट्रोल करती है. इसका प्रोटीन इंसुलिन की मात्रा को काबू में रखता है. यही वजह है कि इससे वजन भी कम होता है. क्योंकि, ये शुगर नहीं बढ़ने देतीलाल भाजी खाने से कैंसर का खतरा भी काफी हद तक कम होता है. इसमें इतने अमीनो एसिड्स हैं. इसके अलावा आयरन भी है और मैग्नीशियम और फास्फोरस भी हैं जो आपकी इम्यूनिटी बूस्ट कर कैंसर सेल से लड़ने की ताकत देते हैं.
 

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