महर्षि महेश योगी संस्थान एवं विक्रम विश्वविद्यालय के बीच ऐतिहासिक सहमति
भोपाल [ महामीडिया] आज 29 जुलाई 20 24 को महर्षि शिक्षा संस्थान एवं विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के मध्य ऐतिहासिक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। इसके द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय में "महर्षि महेश योगी ज्ञानपीठ" की स्थापना की जावेगी। इस शुभ अवसर पर महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय के कुलाधिपति ब्रह्मचारी गिरीश जी ने कहा कि"परम पूज्य महर्षि जी ने संपूर्ण विश्व को सनातन भारतीय वैदिक ज्ञान परंपरा से परिचित कराया। उन्होंने भावातीत ध्यान की सरल एवं सहज पद्धति प्रदान की जिसके प्रतिदिन 20 मिनट प्रातः एवं संध्या को अभ्यास से प्रत्येक मनुष्य मन की शांति प्राप्त कर सकता है। मन से शांत व्यक्ति ही प्रबुद्ध जीवन व्यतीत करते हुए समस्त कार्यों में पूर्ण सफलता प्राप्त कर सकता है। अब विक्रम विश्वविद्यालय के सभी प्राध्यापक गण, विद्यार्थीगण एवं उनके माध्यम से अन्य लोग महर्षि जी की इस विद्या से समस्त मानव जाति के जीवन को सफल बनाएंगे। "महर्षि महेश योगी ज्ञानपीठ" सदैव सक्रिय रहते हुए इस कार्य को सफलतापूर्वक करेगी, ऐसा ही हम सब की कामना है।"
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु माननीय प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडे जी ने कहा" जो वैदिक शिक्षा हम अध्ययन-अध्यापन के रूप में चाह रहे हैं, वह महर्षि संस्थान पहले से ही कर रहा है। वर्तमान में मनुष्य में व्याप्त तनाव दूर होना चाहिए, वैदिक शिक्षा इसका एक सशक्त माध्यम है। "महर्षि महेश योगी ज्ञानपीठ" की विश्वविद्यालय में स्थापना होने से वैदिक विषय के ज्ञान का प्रसार होगा, विश्व और अच्छा बनेगा। वैदिक ज्ञान का प्रसार हो, इसके लिए हम "महर्षि महेश योगी ज्ञानपीठ" के माध्यम से मिलकर कार्य करेंगे। विश्वविद्यालय में शोध कार्य इस ज्ञानपीठ का एक मुख्य कार्य होगा।"
प्रोफेसर बी.के.अंजाना को "महर्षि महेश योगी ज्ञानपीठ" का संचालक नियुक्त किया गया है ,जो विक्रम विश्वविद्यालय में संस्कृत, वेद एवं ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष हैं । सहमति पत्र पर हस्ताक्षर विक्रम विश्वविद्यालय के कुल सचिव अनिल शर्मा एवं महर्षि शिक्षा संस्थान की ओर से निदेशक, संचार एवं जनसंपर्क व्ही.आर. खरे ने किये। इस अवसर पर महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय के माननीय कुलगुरु प्रमोद कुमार वर्मा, उपनिदेशक रामदेव दुबे, एवं महाहर्बल के निदेशक धीरज द्विवेदी उपस्थित थे। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय की ओर से कुल सचिव अनिल शर्मा एवं विक्रम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलगुरु, शर्मा एवं अन्य प्राध्यापक गण उपस्थित थे।