रुद्राभिषेक का महत्व

रुद्राभिषेक का महत्व

भोपाल (महामीडिया) हिंदू धर्म में अभिषेक करने का बड़ा महत्व है. अभिषेक सबसे महत्वपूर्ण हिंदू रीति-रिवाजों में से एक है. अभिषेक करते समय भक्त भगवान को पानी, दूध और अन्य प्राकृतिक सामग्री अर्पित करते हैं. शिवलिंग के अभिषेक को रुद्राभिषेक कहा जाता है. एक शिव भक्त इस अनुष्ठान को सोमवार या श्रवण सोमवार, महाशिवरात्रि, मासिक शिवरात्रि या प्रदोष व्रत जैसे दिनों में करता है. ये बहुत फलदायी माना गया है. ऐसा कहा जाता है कि रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव आपकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इससे घर में सुख-समृद्धि आती है. रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे प्रभावी उपाय माना जाता है. जानें आप घर पर किस विधि से रुद्राभिषेक कर सकते हैं.
घर पर शिवलिंग अभिषेक कैसे करें?

  • घर पर रुद्राभिषेक करने के लिए, आपको पंच धातु या अष्ट धातु या पीतल से बने शिवलिंग की आवश्यकता होगी.
  • अपने घर में शिवलिंग को पीतल या तांबे की प्लेट पर वेदी पर रखें. आप नंदी की मूर्ति को शिवलिंग के सामने भी रख सकते हैं. भगवान शिव के सवारी नंदी को नमस्कार करना भी आवश्यक है.
  • तेल का दीपक जलाएं.
  • जल चढ़ाकर अभिषेक शुरू करें. वस्तुओं को चढ़ाने के लिए पंचपात्र के चम्मच का इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल न करें.
  • अभिषेक करते समय ॐ नमः शिवाय या भगवान शिव के 108 नामों का जाप करें.
  • फिर शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाएं. इसके बाद थोड़ा पानी चढ़ाएं. ये शिलिंग को शुद्ध करने के लिए किया जाता है.
  • दही चढ़ाएं. इसके बाद फिर जल चढ़ाएं.
  • इसके बाद शिवलिंग पर घी चढ़ाएं और फिर जल चढ़ाएं.
  • इसके बाद शहद चढ़ाएं और फिर जल चढ़ाएं .
  • इसके बाद आप चंदन के साथ अभिषेक भी कर सकते हैं. इसके बाद पंचामृत या 5 सामग्री का मिश्रण – इसमें दही, शहद, मिश्री, दूध और घी शामिल होता है.
  • पंचामृत शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद शिवलिंग को एक बार फिर जल से शुद्ध करें.
  • धीरे से शिवलिंग और नंदी की मूर्ति को प्लेट से निकाल लें और इन्हें एक साफ कपड़े से पोंछ लें.
  • अभिषेक की थाली हटाकर शिवलिंग और नंदी को एक बार फिर वेदी पर रख दें.
  • कलावा, चंदन, अक्षत, जनेऊ, बेल पत्र, धतूरे के फूल और फल, अगरबत्ती, फल और नारियल का एक टुकड़ा चढ़ाएं. आरती कर पूजा का समापन करें.
     

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