सोमवती अमावस्या पर महाकाल की दूसरी सवारी निकलेगी
उज्जैन [ महामीडिया] श्रावण मास में 17 जुलाई को सोमवती अमावस्या व श्रावण मास में निकलने वाली भगवान महाकाल की दूसरी सवारी का महासंयोग बन रहा है। 54 साल बाद यह संयोग बना है। इस दिन शिप्रा स्नान व सवारी में भीड़ नियंत्रण की दृष्टि से प्रशासन के लिए यह दिन चुनौती भरा रहेगा। मंदिर प्रशासन दर्शन व सवारी की व्यवस्था को लेकर तैयारी में जुटा है।इस दिन शिप्रा और सोमकुंड में स्नाना का विशेष महत्व है। पर्व विशेष पर देशभर से श्रद्धालु स्नान के लिए उज्जैन पहुंचेंगे। इस दिन श्रावण मास में भगवान महाकाल की दूसरी सवारी भी निकलेगी। ऐसे में देशभर से शिप्रा व सोमतीर्थ में स्नान करने आने वाले श्रद्धालु सवारी के दर्शन भी करेंगे।महापर्व में चार दिन शेष रह गए हैं, ऐसे में प्रशासन तैयारी में जुटा है। सोमवती अमावस्या पर भक्तों को चारधाम मंदिर के सामने से महाकाल महालोक होते हुए मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। भक्तों को कार्तिकेय व गणेश मंडपम से भगवान महाकाल के दर्शन कराए जाएंगे। दर्शन बाधित ना हो, इसके लिए प्रोटोकॉल दर्शन व्यवस्था स्थगित रहेगी। अधिक भीड़ होने पर 250 रुपए के शीघ्र दर्शन व्यवस्था बंद रहेगी। चार बजे से पहले घाट खाली कराए जाएंगे। सोमवती अमावस्या का पर्व स्नान सोमवार सुबह से शुरू हो जाएगा। दिनभर स्नान का क्रम चलेगा, लेकिन दोपहर 3 बजे बाद रामघाट खाली कराया जाएगा, क्योंकि शाम 4.30 बजे भगवान महाकाल की सवारी शिप्रा तट पहुंचेगी। घाट खाली करने की उदेद्योषणा दोपहर 2 बजे से शुरू होगी।