सप्तमी को सूर्य पूजा का विधान 

सप्तमी को सूर्य पूजा का विधान 

भोपाल [ महामीडिया] पौष महीने में सूर्य पूजा का बहुत महत्व है। ग्रंथों के मुताबिक इस महीने सूर्य पूजा से बीमारियां दूर होती हैं। पौष महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को सूर्य पूजा करने और अर्घ्य देने का विधान ग्रंथों में बताया गया है। इस दिन सूर्य पूजा और व्रत करने से उम्र बढ़ती है। साथ ही हर तरह की परेशानियां दूर होने लगती हैं।सूर्योदय से पहले नहाने के बाद तांबे के लोटे में शुद्धजल भर लें। उसके साथ ही लोटे में लाल चंदन, लाल फूल, चावल और कुछ गेहूं के दाने भी डाल लें। ऊं घृणि सूर्याय नम: मंत्र बोलें और उगते हुए सूरज को इस लोटे का जल चढ़ाएं। इसके बाद भगवान भास्कर को नमस्कार करें। गायत्री मंत्र का जाप करें और हो सके तो आदित्य हृदय स्तोत्र का भी पाठ करें। इसके अलावा भगवान सूर्य के 12 नामों का जाप भी कर सकते हैं। पौष महीने की सप्तमी 29 को हैं। 

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