सुंदरकाण्ड पाठ के चमत्कारी लाभ

सुंदरकाण्ड पाठ के चमत्कारी लाभ

भोपाल (महामीडिया) गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस में कुल सात अध्याय हैं, जिनके नाम हैं बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, अरण्यकाण्ड, किष्किन्धाकाण्ड, सुन्दरकाण्ड, लंकाकाण्ड और उत्तरकाण्ड. इनमें से पांचवा अध्याय है सुंदरकाण्ड. कहा जाता है कि अगर आप पूरी रामचरितमानस नहीं पढ़ सकते तो हर मंगलवार या शनिवार को सुंदरकाण्ड का पाठ कर लें. अकेले सुंदरकाण्ड के पाठ से ही आपकी हर समस्या का निदान हो सकता है. सुंदरकाण्ड में प्रभु श्रीराम के भक्त हनुमान के बल और विजय का उल्लेख है. इसमें हनुमान द्वारा माता सीता की खोज और राक्षसों के संहार का वर्णन किया गया है. कहा जाता है कि राम जी के जो भक्त हनुमान जी की महिमा का गुणगान करते हैं, उन पर हनुमान बाबा के साथ प्रभु श्रीराम और माता सीता की भी कृपा बनी रहती है. यही वजह है कि संपूर्ण रामचरितमानस में सुंदरकाण्ड का विशेष महत्व बताया गया है. जानिए सुंदरकाण्ड से मिलने वाले चमत्कारी लाभ.
नकारात्मक शक्तियां रहती हैं दूर
कहा जाता है कि जो व्यक्ति सुंदरकाण्ड का पाठ करता है, नकारात्मक शक्तियां उससे कोसों दूर रहती हैं. उस व्यक्ति में इतना तेज आ जाता है कि नकारात्मक शक्तियां उसके इर्द गिर्द भी नहीं भटक सकतीं. यदि आपको लगता है कि आपका कोई कार्य बार बार आ रही किसी बाधा की वजह से पूरा नहीं हो पा रहा है, तो आपको मंगलवार या शनिवार के दिन सुंदरकाण्ड का पाठ जरूर करना चाहिए.
शनि प्रकोप का असर हो जाता है हल्का
कहा जाता है कि शनि की साढ़ेसाती, महादशा या ढैय्या का प्रभाव होने पर व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियां तोड़कर रख देती हैं. लेकिन अगर आप हनुमान बाबा के भक्त हैं और हर शनिवार को सुंदरकाण्ड का पाठ करते हैं, तो आप पर शनि के प्रकोप का असर बेहद हल्का हो जाएगा.
रोग, भय और दरिद्रता दूर होती
यदि आप सुंदरकाण्ड का पाठ करते हैं, तो आपका तेज तो बढ़ता ही है, साथ ही आपके परिवार के रोग और दोष मिट जाते हैं. इसे करने से व्यक्ति निर्भय हो जाता है. उसे बुरे सपने प्रभावित नहीं कर पाते. इससे घर में सकारात्मकता का प्रभाव होता है और गृह क्लेश दूर होते हैं. साथ ही आपके परिवार में संपन्नता आती है और आर्थिक परेशानियोंं का अंत होता है.
ग्रहों के अशुभ प्रभाव होते दूर

सुंदरकाण्ड का पाठ सिर्फ शनि के प्रकोप से ही नहीं बचाता, बल्कि अन्य ग्रहों के अशुभ प्रभावों को भी दूर करने में सक्षम है. लेकिन बेहतर है कि आप इसका पाठ स्वयं करें. अगर स्वयं नहीं कर सकते तो कम से कम बैठकर पूरा पाठ सुनें जरूर, इससे आपकी तमाम पीड़ा का अंत खुद ही होने लगेगा.
हर मनोकामना होती पूरी
अगर आपकी कोई विशेष मनोकामना है और उससे किसी का अहित नहीं होगा, तो आप उसे हनुमान जी के समक्ष रखकर 5 मंगलवार या शनिवार को सुंदरकाण्ड का पाठ करने का संकल्प लें और पूरी श्रद्धा के साथ इस संकल्प को पूरा करें. इससे आपकी मनोकामना जरूर पूरी होगी.
 

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