हरिद्वार में 2021 महाकुंभ की तैयारी जोरों पर

हरिद्वार में 2021 महाकुंभ की तैयारी जोरों पर

हरिद्वार [ महामीडिया ]  कोविड-19 महामारी के बीच उत्तराखंड सरकार ने हिन्दू आस्था का केंद्र माने जाने वाली कांवड़ यात्रा को रोक दिया गया हैसरकार के इस निर्णय से हरिद्वार की आर्थिक स्थिति पर बहुद ज्यादा असर पड़ा है।अब साल 2021 की शुरुआत में होने वाले महाकुंभ पर भी संकट के काले बादल मंडराते नजर आ रहे हैं।हालांकि, महाकुंभ की तैयारी भी तेज रफ्तार से चल रही है. सरकार को उम्मीद है कि महाकुंभ तक कोरोना महामारी का संकट टल जाएगा और महाकुंभ अपने भव्य रूप में देश और दुनिया के सामने नई मिसाल बनकर उभरेगा.2021 में होने वाला महाकुंभ अपनी पूर्ण गति से लोगों के मन की निराशा को खत्म करेगा और यही वजह है कि महाकुंभ के लिए सभी होने वाले कार्य अपनी पूरी रफ्तार से चल रहे हैंमेला अधिकारी दीपक रावत की मानें तो अब तक 404 करोड़ के कार्य गतिमान हैं और 1000 करोड़ के होने वाले कार्य के अभी टेंडर होने बाकी हैं, जो जल्द ही कर दिए जाएंगे।दीपक रावत ने हर की पैड़ी और आस-पास के हो रहे कार्यों के बारे में विस्तार से आजतक को बताया।साथ ही महाकुंभ के लिए तैयार किए गए सुरक्षा उपाय का मास्टर प्लान को भी साझा किया.इन सबके बीच हरिद्वार के तमाम संत सरकार के साथ कोविड को लेकर खड़े नजर आ रहे हैं निर्वाणी अखाड़ा के महासचिव और बाबा रामदेव का भी यही मानना है कि देश हित और जनहित में जो भी सरकार निर्णय लेती है हम उसके साथ खड़े हैं।निर्वाणी अखाड़ा के महासचिव महंत रविन्द्र पुरी जी महाराज का कहना है कि अभी थोड़ा वक्त बाकी है।तब तक अगर कोविड के संकट से उबर पाए तो ठीक नहीं तो सरकार से अनुरोध करेंगे कि सांकेतिक तौर पर ही महाकुंभ का आयोजन किया जाए।शाही स्नान संत और महंत के लिए बेहद जरूरी है।ऐसे में अगर मुसीबत नहीं टलेगी तो सांकेतिक तौर पर भी इसका आयोजन कर लिया जाएगा।
 

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