रंगभरी और आमलकी एकादशी तीन मार्च को 

रंगभरी और आमलकी एकादशी तीन मार्च को 

भोपाल [ महामीडिया]  तीन मार्च को फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इस दिन रंगभरी और आमलकी एकादशी व्रत किया जाएगा। जिसमें भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण के साथ आंवले के पेड़ की भी पूजा की जाएगी। इसी दिन से ब्रज में होली का त्योहार शुरू हो जाता है। रंगभरी एकादशी के दिन श्रीकृष्ण मंदिरों में अबीर-गुलाल और फूलों की होली खेली जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ आंवले के पेड़ की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सांसारिक सुख और मोक्ष भी मिलता है। यही वजह है कि इस तिथि को आमलकी एकादशी भी कहते हैं। भगवान विष्णु को पीला रंग बेहद पसंद है इसलिए इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनने से व्रत का पूरा फल मिलता है। इस एकादशी पर केला, केसर या हल्दी का दान करना उत्तम माना जाता है। साथ ही आंवले का दान भी करना चाहिए। इन चीजों के दान से पुण्य फल मिलता है।

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