धर्मः पीपल पूर्णिमा कल

धर्मः पीपल पूर्णिमा कल

भोपाल (महामीडिया) हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। वैशाख महीने में आने वाली पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा, पीपल पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस बार 16 मई को पीपल पूर्णिमा पड़ रही है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूर्णिमा के दिन पीपल की पूजा करना फलदायी होता है। मान्यता है कि इस दिन पीपल की पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते है। साथ ही पितर संतुष्ट होते हैं।
पीपल के वृक्ष की पूजा करने से मिलेंगे ये लाभ
मान्यता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करने से जन्म कुंडली में शनि और गुरु ग्रह शुभ फल देते हैं।
पीपल के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। इस पर जल अर्पित करने और दीपक जलाने से देवताओं की कृपा मिलती है।
पीपल के वृक्ष पर पानी में दूध और काले तिल मिलाकर चढ़ाने से पितर संतुष्ट होते हैं।
सूर्य उदय के बाद एक लोटा पानी पीपल के वृक्ष में अर्पित करें। फिर तीन बार परिक्रमा लगाएं। जिससे ग्रह शुभ फल देंगे। आपकी दरिद्रता और दुख दूर होगा।
अगर किसी कन्या की कुंडली में विधवा योग है। तो पीपल से शुभ लग्न में उसकी शादी करवाने से वैधव्य योग समाप्त हो जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव को विष्णु दूर करते हैं।
पीपल पूर्णिमा के दिन अबूझ साया होता है। सुबह पीपल के वृक्ष की पूजा के बाद दिनभर मांगलिक कार्य किया जा सकता है।
 

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